विदेश मंत्री जयशंकर ने की PM अमरसूर्या से मुलाकात; बोले- पुनर्निर्माण पैकेज मित्रता का प्रतीक

S Jaishankar In Sri Lanka

S Jaishankar In Sri Lanka

कोलंबो: S Jaishankar In Sri Lanka: श्रीलंका के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मुलाकात की और चक्रवाती तूफान दितवाह के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया. जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के तौर पर श्रीलंका के दो दिन के दौरे पर हैं.

जयशंकर ने एक्स पोस्ट में लिखा, "आज कोलंबो में श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मिलकर अच्छा लगा. चक्रवात दितवाह के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए भारत के पक्के वादे का भरोसा दिलाया. भारत की तरफ से पुनर्निर्माण पैकेज हमारे दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को दिखाता है."

बैठक के दौरान, जयशंकर और उनके श्रीलंकाई समकक्ष विजिता हेराथ (Vijitha Herath) ने मिलकर उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट लंबे डुअल कैरिजवे बेली ब्रिज का भी उद्घाटन किया.

जयशंकर ने पोस्ट किया, "राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) की मौजूदगी में विदेश मंत्री विजिता हेराथ के साथ मिलकर उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट के डुअल कैरिजवे बेली ब्रिज का उद्घाटन किया. यह चक्रवाती तूफान दितवाह से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक है. 110 टन का यह ब्रिज भारत से एयरलिफ्ट करके लाया गया और ऑपरेशन सागर बंधु के हिस्से के तौर पर लगाया गया."

इससे पहले दिन में जयशंकर ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की और चक्रवाती तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश उन तक पहुंचाया. जयशंकर ने एक्स पोस्ट में लिखा, "आज कोलंबो में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मिलकर खुशी हुई. चक्रवात दितवाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं और एकजुटता का संदेश उन्हें दिया."

उन्होंने आगे लिखा, "ऑपरेशन सागर बंधु के तहत अपनी फर्स्ट रिस्पॉन्डर एक्टिविटी को आगे बढ़ाते हुए, भारत श्रीलंका को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पुनर्निर्माण पैकेज देगा, जिसमें शामिल हैं: सड़क, रेलवे और पुल कनेक्टिविटी का पुनर्वास और बहाली; पूरी तरह से नष्ट और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का निर्माण; स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए समर्थन, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जिन्हें चक्रवाती तूफान से नुकसान हुआ है."